hindi kavita - hindi poem
-: कहर कोरोना का :-
कवी :- श्री.योगेश बोरसे
हाय रे कोरोना ये क्या कर दिया , अच्छे खासे इंसान को मरीज बना दिया ?
अभी अभी तो हम इंसान बने थे , तूने फिर से हमें बंदर बना दिया ?
चेहरे पर चेहरा लगा रहे थे लोग, तूने मास्क लगाने को मजबूर कर दिया ?
इंसान को इंसान से दूर कर दिया , संदेह का जहर फैला दिया ?
शहरो ने गांव को बड़ा किया , और शहरों को गावों से जुदा कर दिया ?
रिश्ते नाते तो ऐसे भी बिखर चुके थे ,तूने और दूर कर दिया ?
अभी अभी तो हम गले मिलने लगे थे , अभी दूर से हाथ जोड़ने पर मजबूर कर दिया ?
बिखर गयी कई जिन्दगिया तेरे खौफ से ! तूने झट से उन्हें उठा लिया ?
क्या पाया तूने इतनी जिन्दगिया बर्बाद कर के ?
की भगवान भी तुझसे डर के मंदिर में छुप गया ?
अभी ये दुरी न जाने कब मिटेगी ? या दुनिया के अंत तक बढ़ती ही जाएगी ?
जिंदगी वीरान हो गयी , मौत से बद्तर हो गयी ! जो थोड़ी बहोत आस थी जीने की वो भी टूट गयी !
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