दोस्तों ,नमस्कार !
मै ,योगेश बोरसे आप सभी का borse group.tech में हार्दिक हार्दिक स्वागत करता हूँ ! दोस्तों हम आपके सामने कुछ ऐसी रचनाये रखने जा रहे है ,जो आपकी जिंदगी से इत्तेफाक रखती है !
हमारे मित्र और सहकारी श्री. अरुण पाटिल सर जो 'अरुण गरताडकर 'इस नाम से एक प्रसिद्ध और मशहूर लेखक है उनके कुछ लेख हम आप के सामने प्रस्तुत कर रहे है ! जो मूलतः उनकी एक मराठी किताब ' धनुकली ' जो बहोत ही चर्चा में रही है , उसका हिंदी अनुवाद आपके सामने ला रहे है !
इस किताब का हिंदी अनुवाद स्वैर रूप से किया गया है ,जो की समझने में आसानी हो ! जो की खुद मैंने मतलब 'योगेश बोरसे ' ने उनकी अनुमति लेकर ,सहमति लेकर किया है ! जो आपको निश्चित ही आनंद प्रदान करने में सक्षम है ,इसकी मुझे ख़ुशी है ! तो चलिए शुरुवात करते है ऐसी ही कुछ बेहतरीन रचनाओं के साथ - आपके आशीर्वाद की कामना करता हूँ - आपका ,अपना - श्री. योगेश वसंत बोरसे.
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-: परंपरा और रिवाज :-

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